Champai Soren : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री के चाचा एवम सबसे वफादार साथी चंपई सोरेन के अब भाजपा में जाने की अटकले लगने लगी है। चंपई सोरेन आपने 6 विधायक साथियों के साथ कोलकाता से दिल्ली पहुंच चुके है। भाजपा के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संपर्क में होने की बात कही जा रही है। यदि ऐसा है तो यह झारखंड में भाजपा के चीर – परिचित ऑपरेशन लोटस को पुनः दिखाता है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि आखिर हेमंत सोरेन के सबसे करीबी चंपई सोरेन क्यों एका- एक बगावत पर उतर आए। इसके कारणों में विश्लेषकों का कहना है कि चंपई का मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उनका जेएमएम में कद कम हो गया है। तो यहां यह प्रश्न उठता है कि क्या इसकी खबर उन्हें तब नहीं थी जब उन्होंने शपथ ली।
पूर्व के इतिहास को देखा जाए तो यह बात सही भी लगाती है जैसे बिहार में जीतन राम मांझी ने बगावत करके अलग पार्टी बना ली थी। तमिलनाडु में पनिरसेलवम और अन्य नेताओं में खीच – तान आदि। चंपई सोरेन की बगावत की पीछे यह दावा काम मजबूत लगता है कि क्योंकि झारखंड में कुछ माह पश्चात चुनाव होने वाले है। सूत्रों का कहना है कि चंपई सोरेन को भाजपा आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने का आश्वासन दे रही है और इसके बाद से ही चंपई भतीजे से बागी हो गए हैं।
राजनीति में सत्ता का लालच व्यक्ति को इतना गिरा देता है कि वह आपने निजी संबंधों, विश्वास और अंतरात्मा को धराशाई कर देता है। चंपई भाजपा से पूर्ण आश्वासन मिलने के बाद ही भाजपा में जाएंगे और तब तक वह दिल्ली में रुकेंगे। आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव के पपरिणाम कुछ भी हो लेकिन भाजपा का ऑपरेशन लोटस अगर सफल रहता है तो वह भाजपा में नई जान फुकेगा और हो सकता है भाजपा आपने बलबूते सरकार बना ले और इसके साथ ही हेमंत सोरेन के लिए एक कठिन चुनौती भी होगी। आने वाले कुछ दिनों तक चंपई का किस्सा दिलचप्स बना रहेगा।