Friendship Day 2024 : दोस्ती, ये शब्द कितना प्यारा है न। कहा जाता है सारे रिश्तों बढ़कर दोस्ती का रिश्ता होता है। दुनिया में आपको सारे रिश्ते निराश कर सकते हैं, लेकिन दोस्ती का रिश्ता आपको कभी निराश नहीं कर सकता। इस रिश्ते में कोई भी मतलब शामिल नहीं होता। लेकिन कई बार दोस्ती के रिश्ते पर सवाल उठने लगते हैं। जीवन में कुछ ऐसे लोगों से दोस्ती हो जाती है, हम उसे पक्का दोस्त तो मानने लगते हैं, लेकिन उसके मन में हमारे लिए क्या चल रहा है, ये हम नहीं जान पाते। वो दोस्त भी हमसे निस्वार्थ रिश्ता रखना चाहता है या नहीं, ये हम नहीं समझ पाते।
कई बार उसी शख्स से धोखा मिलता है, जिससे आपने सच्चा दोस्त माना। आपने कई लोगों से सुना होगा फलां को अच्छा दोस्त माना, लेकिन उसने मुझे धोखा दिया। आपको सच्ची घटना बताएंगे, जिसमें बेस्ट फ्रेंड से ही धोखा मिला। आपको तो ये गाना जरूर याद होगा, दुश्मन न करे, दोस्त ने जो काम किया है। उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है। जी हां, ये गाना धोखेबाज दोस्तों के लिए ही है।
यहां आपको एक सच्ची घटना के बारे में बताएंगे- एक शख्स ने अपने सबसे अच्छे दोस्त को धोखा देकर उसकी पत्नी को लेकर भाग गया था। ऊपर दिए गए गाने इन जैसे लोगों के लिए ही बनाए गए है। इन दो दोस्ती की कहानी कपड़ों की फैक्ट्री से शुरू होती है। कपड़ों की फैक्ट्री में यशपाल (बदला नाम) और दिगपाल (बदला नाम) की दोस्ती होती है। जब दोनों को पता चलता है कि वह एक ही राज्य से है, तो उन दोनों में लगाव बढ़ता है और उनका उठनाबैठना खानापीना एक ही साथ होने लगता है। दिगपाल तो यशपाल के लिए अपने घर से लंच भी लाता है, उन्हें काम से जब भी फुर्सत मिलता है, वो दोनों खूब बातें करते हैं। उनकी दोस्ती फैक्ट्री में मशहूर हो रही थी। दोस्ती हो तो दिगपाल और यशपाल की तरह।
दिगपाल अपने बीवी और बच्चे के साथ रहता था। वह यशपाल को अपने घर भी ले जाने लगा। वह दिगपाल की बीवी से भी बात करने लगा था, दोनों की दोस्ती भी होने लगी थी। हालांकि इससे दिगपाल को कोई दिक्कत नहीं थी। वह उनके बच्चों के साथ भी खेलता था लेकिन उस दिन की घटना ने इस रिश्ते पर भी उंगली उठा दी। दरअसल, उस दिन यशपाल फैक्ट्री नहीं आया था। दिगपाल उसके लिए परेशान था, यशपाल का फोन भी नहीं लग रहा था। जब दिगपाल अपने घर पहूंचा तो उसके बीवीबच्चे भी गायब थे। एक चिट्ठी उसे मिली, जिसमें लिखा था कि हम दोनों एकदूसरे से प्यार करने लगे हैं, इसलिए हम यहां से भाग रहे हैं। इस उदाहरण को बताने का मकसद ये था कि धोखेबाज दोस्तों से सावधार रहें, जिसे आप बेस्ट फ्रैंड भी मानते हैं, उस पर भी आंखें बंद कर भरोसा न करें। अगर कोई दोस्त आपको अपने लाइफ का सबसे महत्वपूर्ण शख्स मानता है, तो उसे भी उतना ही महत्व दें। आइए जानते हैं, दोस्ती में कैसे यूजफुल बनें।
अपनी सोच को रखें पॉजिटिव
दोस्तों के लिए, अपने लिए हमेशा यूजफुल बनने की कोशिश करें। अगर आप में अच्छी खूबियां रहेंगी तो आप खुद के लिए और दोस्तों के लिए भी बेहतर रहेंगे। किसी का अच्छा या बुरा स्वभाव अमूमन उसके सोच पर निर्भर करता है। अगर आप किसी के प्रति अच्छा सोच रखते हैं, लोग इस चीज को आसानी से नोटिस करते हैं। वहीं अगर आप निगेटिव रहेंगे तो आपको खुद में भी और दूसरों में भी कमियां ही नजर आएंगी। इसलिए अपने लिए और दोस्तों के लिए हमेशा सकारात्मक सोच रखें।
गलतफहमी दूर करें
कई बार किसी तीसरे की वजह से दोस्ती में गलतफहमी पैदा हो जाती है। इसलिए दोस्ती के रिश्ते में लापरवाही न बरतें। आप सीधे अपने बैस्ट फ्रैंड से जाकर बात करें और कोई भी बात जल्दी से जल्दी क्लियर करने की कोशिश करें।
कोई भी नहीं होता पूरी तरह से परफेक्ट
इस दुनिया में ऐसा कोई भी शख्स नहीं है, जो पूरी तरह से परफैक्ट हो। हर किसी में कुछ न कुछ कमियां होती हैं। आप खुद में और दूसरों में भी छोटीछोटी गलतियों को गिनाने के बजाए अच्छाइयों पर गौर करें। किसी से भी छोटीछोटी गलतियां होती रहती हैं, इससे दिल से लगाने के बजाए नजरअंदाज करें।
मजाक में गलत शब्दों का इस्तेमाल न करें
कई बार दोस्तों के साथ हंसीमजाक में ऐसी बातें कह देते हैं, जिससे फ्रैंड्स बुरा मान जाते हैं। इस तरह के दोस्तों के साथ भी गलत शब्दों का इस्तेमाल न करें और अगर दोस्त आपके लिए भी गलत बातें कहता है, तो उसे टोके और इस तरह की बातें करने से मना करें।
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