प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवाई वाली सरकार की मानसिकता आरक्षण में आरक्षण की बात से स्पष्ट हो जाती है l राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की अगुवा पार्टी भाजपा नागपुरिया कानून को लागू करना चाहती है। नागपुरिया विचारधारा आरक्षण की सख्त विरोधी रही है और आरक्षण पर मोहन भागवत का 2015 का भाषण भी स्मरण करना चाहिए। उनके भाषण से यह बार बार स्पष्ट होता रहा है कि आरक्षण को वह समाप्त करना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार दलितों, पिछड़ों की विरोधी है और इस सरकार की नीतियां नागपुर से चयनित होती है। दलीतों के बड़े नेता स्वर्गीय रामविलास पासवान जी आरक्षण के समर्थक थे, लेकिन वर्तमान के उनके सुपुत्र के द्वारा किया जा रहा  प्रधानमंत्री… मेरे प्रधानमंत्री… का जाप इस आरक्षण विरोधी नीति पर मूक समर्थन देता हुआ प्रतीत होता है। भारत की कोई भी बड़ी राजनीतिक पार्टी इस षडयंत्र का पर्दाफाश नहीं कर पा रही। जो नागपुरिया सरकार के आगे सरेंडर को दिखाता है। आरक्षण में आरक्षण भारत को जलाने और सत्ता के बने रहने का एक हथियार साबित होगा।

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