बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर विश्वभर के राजनीतिक विचारक और स्वयं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अमेरिका का हाथ होने का अंदेशा जाता चुकी हैं। अगर बीते दो माह के बांग्लादेश के घटनाक्रम को अगर देखा जाए तो कहानी किसी और तरफ इशारा करती है। बीते माह शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के तौर पर चीन के दौरे पर थी,  लेकिन यह दौरा उन्होंने बीच में ही छोड़ दिया और बांग्लादेश वापस लौट आई।

इस दौरे के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात नहीं की। उनका यह कदम चीनी मीडिया द्वारा चीन के अपमान की तरह प्रस्तुत किया गया। शेख हसीना के चीन दौरे के बाद ही बांग्लादेश में हिंसा बढ़ती चली गई । गौरतलब है कि बांग्लदेश में इस प्रकार का आरक्षण पहले भी था। इस हिंसा के कारण अंततः 5 अगस्त को उन्हें इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। भारत को अपने पड़ोसी देश में चीन के इस दखल को सावधानी पूर्वक देखना चाहिए और बांग्लादेश में शांति की बहाली का प्रयास करना चाहिए। बांग्लादेश की पार्टी BNP और अन्य कट्टरपंथी समूह भारत विरोधी और चीन – पाकिस्तान समर्थक है। जो बांग्लादेश की हिंसा में चीन – पाकिस्तान के सीधे दखल को सत्यापित करता है।

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